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|ptext=[[https://www.translatum.gr/images/pape/pape-02-0170.png Seite 170]] gen. μηδενός, μηδεμιᾶς, für μηδὲ εἷς, [[keiner]], auch nicht Einer, vgl. [[μηδέ]]; in denselben Verbindungen wie μή; bei Hom. nur Il. 18, 500: ὁ δ' ἀναίνετο μηδὲν ἑλέσθαι. – Beim Verbot, μηδὲν πόνει, Aesch. Prom. 342, [[ταῦτα]] [[μέντοι]] μηδὲν αἰνικτηρίως, gar nicht räthselhaft, ἔκφραζε, 951, μηδὲν φοβηθῇς, 128; hortativ, μηδὲν αἱματώμεθα, Ag. 1641; ὑπέρκοπον [[μηδέν]] ποτ' εἴπῃς εἰς θεοὺς [[ἔπος]], Soph. Ai. 128; τρέσητε [[μηδέν]], Ant. 712; so oft adverbial, [[καί]] μοι μηδὲν ἀχθεσθῇς, Plat. Gorg. 486 a; nachdrücklicher als das einfache μή, wie μηδὲν ἀθυμήσητε Xen. An. 5, 4, 19, öfter; in den Conditional- und Absichtssätzen, κἂν μηδεὶς ἐᾷ, Soph. Ai. 1163, ὁ μηδὲν εἰδώς, O. R. 397; [[ὅπως]] [[μηδεμία]] τὸ αὑτῆς αἰσθήσεται, Plat. Rep. V, 460 c; gehäuft, μηδενὶ μηδὲν μηδεμίαν δύναμιν ἔχειν κοινωνίας εἰς [[μηδέν]], Soph. 251 c; – ἀποῤῥεῖ κἀπὶ μηδὲν ἔρχεται, Soph. El. 988, das Nichts, wie εἰς τὸ μηδὲν ἥκομεν Eur. Hec. 622; Sp., εἰς τὸ μηδὲν καταντᾷ, Pol. 4, 34, 2; – τὸ [[μηδέν]], Her. 1, 32, auch von einem Verschnittenen, 8, 106, wie auch Soph. sagt κἂν τὸ μηδὲν ὤν, Trach. 1097, der so gut wie Nichts, schwach ist, τὸ μηδὲν ὄντας ἐν τροπῇ [[δορός]], die Nichts waren, Ai. 1254, ὁ μηδὲν ὤν, 754; δέξαι με τὴν μηδὲν ἐς τὸ [[μηδέν]], El. 1157; καὶ μὴ τὸ μηδὲν [[ἄλγος]] εἰς μέγ' οἴσετε, O. R. 638; τὰ μηδὲν [[ὄντα]], Eur. Trach. 609; μηδὲν λέγειν, im | |ptext=[[https://www.translatum.gr/images/pape/pape-02-0170.png Seite 170]] gen. μηδενός, μηδεμιᾶς, für μηδὲ εἷς, [[keiner]], auch nicht Einer, vgl. [[μηδέ]]; in denselben Verbindungen wie μή; bei Hom. nur Il. 18, 500: ὁ δ' ἀναίνετο μηδὲν ἑλέσθαι. – Beim Verbot, μηδὲν πόνει, Aesch. Prom. 342, [[ταῦτα]] [[μέντοι]] μηδὲν αἰνικτηρίως, gar nicht räthselhaft, ἔκφραζε, 951, μηδὲν φοβηθῇς, 128; hortativ, μηδὲν αἱματώμεθα, Ag. 1641; ὑπέρκοπον [[μηδέν]] ποτ' εἴπῃς εἰς θεοὺς [[ἔπος]], Soph. Ai. 128; τρέσητε [[μηδέν]], Ant. 712; so oft adverbial, [[καί]] μοι μηδὲν ἀχθεσθῇς, Plat. Gorg. 486 a; nachdrücklicher als das einfache μή, wie μηδὲν ἀθυμήσητε Xen. An. 5, 4, 19, öfter; in den Conditional- und Absichtssätzen, κἂν μηδεὶς ἐᾷ, Soph. Ai. 1163, ὁ μηδὲν εἰδώς, O. R. 397; [[ὅπως]] [[μηδεμία]] τὸ αὑτῆς αἰσθήσεται, Plat. Rep. V, 460 c; gehäuft, μηδενὶ μηδὲν μηδεμίαν δύναμιν ἔχειν κοινωνίας εἰς [[μηδέν]], Soph. 251 c; – ἀποῤῥεῖ κἀπὶ μηδὲν ἔρχεται, Soph. El. 988, das Nichts, wie εἰς τὸ μηδὲν ἥκομεν Eur. Hec. 622; Sp., εἰς τὸ μηδὲν καταντᾷ, Pol. 4, 34, 2; – τὸ [[μηδέν]], Her. 1, 32, auch von einem Verschnittenen, 8, 106, wie auch Soph. sagt κἂν τὸ μηδὲν ὤν, Trach. 1097, der so gut wie Nichts, schwach ist, τὸ μηδὲν ὄντας ἐν τροπῇ [[δορός]], die Nichts waren, Ai. 1254, ὁ μηδὲν ὤν, 754; δέξαι με τὴν μηδὲν ἐς τὸ [[μηδέν]], El. 1157; καὶ μὴ τὸ μηδὲν [[ἄλγος]] εἰς μέγ' οἴσετε, O. R. 638; τὰ μηδὲν [[ὄντα]], Eur. Trach. 609; μηδὲν λέγειν, im <span class="ggns">Gegensatz</span> von δικαίων δεῖσθαι, Xen. Cyr. 8, 3, 20. – Μηδέν steht oft adverbial, in Nichts, auf keine Weise, μηδὲν διαφέρειν, Plat. Polit. 280 a (f. oben); μηδὲν ἄρα θαυμάζωμεν, wir wollen uns also gar nicht wundern, Rep. X, 597 a. – Der plur. μηδένες ist selten, Soph. Ai. 1114; Plat. Euthyd. 303 b; Xen. Hell. 5, 4, 20; vgl. [[μηδαμός]]; – [[μηθείς]], μηθέν, späte, unattische Form von Arist. an. | ||
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